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594 KM लंबा गंगा एक्सप्रेसवे जल्द होगा चालू! 12 जिलों को जोड़ने वाला यूपी का मेगा प्रोजेक्ट, फीचर्स जानकर रह जाएंगे हैरान

12 जिलों को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है यूपी का गेम चेंजर! जल्द शुरू होगी ट्रैफिक सेवा, जानिए कौन-कौन से शहरों को जोड़ेगा यह हाईवे और इसमें होंगे ऐसे फीचर्स जो आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे!

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उत्तर प्रदेश में बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे यात्रा को नई गति देगा। मेरठ से प्रयागराज तक फैला यह मेगा प्रोजेक्ट पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को जोड़ेगा। जल्द ही चालू होने वाला यह रास्ता लाखों लोगों की जिंदगी बदलेगा।

594 KM लंबा गंगा एक्सप्रेसवे जल्द होगा चालू! 12 जिलों को जोड़ने वाला यूपी का मेगा प्रोजेक्ट, फीचर्स जानकर रह जाएंगे हैरान

प्रोजेक्ट का भव्य रूप

यह एक्सप्रेसवे कुल 594 किलोमीटर लंबा है, जो पूरी तरह नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनेगा। शुरूआत मेरठ के बिजौली गांव से होगी और अंत प्रयागराज के जुदापुर दांडू पर। छह लेन वाला यह मार्ग भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। निर्माण कार्य चार पैकेजों में बंटा हुआ तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिसंबर में ट्रायल रन के बाद जनवरी 2026 तक आम लोगों के लिए खुल जाएगा।

जुड़ने वाले प्रमुख जिले

रास्ते में 12 जिले शामिल होंगे, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज मुख्य हैं। कुल 518 गांव इससे प्रभावित होंगे। हर जिले में इंटरचेंज और रैंप बनाए गए हैं, जो स्थानीय इलाकों को सीधी पहुंच देंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भी तेज होगा।

रफ्तार और सुरक्षा की अनोखी सुविधाएं

120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड इसकी सबसे बड़ी खासियत है। मेरठ से प्रयागराज का सफर अब सिर्फ छह घंटे में पूरा होगा, जो पहले 11-12 घंटे लेता था। गंगा नदी पर 960 मीटर और रामगंगा पर 720 मीटर लंबे मजबूत पुल बने हैं। हर 40 किलोमीटर पर फायर स्टेशन, एम्बुलेंस और ट्रॉमा सेंटर तैयार हैं। पांच जगहों पर लड़ाकू विमान उतारने लायक हेलीपैड भी बनाए गए। कुल 1498 संरचनाओं में से लगभग सभी पूर्ण हो चुकी हैं।

आर्थिक उछाल और विस्तार की योजनाएं

लगभग 37,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट पर डीबीएफओटी मॉडल अपनाया गया। दो मुख्य टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल से राजस्व मिलेगा। इससे उद्योग, व्यापार और पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जुड़ाव से पूरे नेटवर्क का विस्तार होगा। दूसरे चरण में हरिद्वार से बलिया तक फैलाने की योजना पर काम चल रहा है, जो इसे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बना देगा।

यात्रियों के लिए नया दौर

यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ समय बचाएगा, बल्कि ईंधन खर्च और वाहन क्षति भी कम करेगा। जापान जैसी विदेशी कंपनियां औद्योगिक कॉरिडोर में निवेश करने को तैयार हैं। किसानों, व्यापारियों और पर्यटकों सबके लिए वरदान साबित होगा। उत्तर प्रदेश का यह प्रोजेक्ट विकास की नई मिसाल बनेगा, जो पूरे देश को प्रेरित करेगा।

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