उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। 240 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का सपना अब हकीकत बनने को तैयार है, क्योंकि पूरी जमीन का काम हो चुका है। इससे पांच जिलों के लाखों लोग सीधे फायदा उठाएंगे, जहां यात्रा आसान होगी और नई जिंदगी की शुरुआत होगी।

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नई रेल लाइन का रूट
यह लाइन संत कबीर नगर के खलीलाबाद से शुरू होकर सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच तक फैलेगी। सैकड़ों गांवों से गुजरते हुए 48 स्टेशन बनेंगे, जिनमें कई नए जंक्शन भी शामिल हैं। कुल 5000 करोड़ से ज्यादा की लागत वाली यह परियोजना 2026-27 तक तैयार हो जाएगी, जिससे इलाके की कनेक्टिविटी दोगुनी हो जाएगी।
पांच जिलों को कैसे फायदा?
बहराइच यहां रेल हब बनेगा, जहां से दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों तक डायरेक्ट ट्रेनें चलेंगी। श्रावस्ती के बौद्ध तीर्थस्थल पर्यटकों से भर जाएंगे, क्योंकि पहली बार रेल पहुंचेगी। बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के किसानों को फसलें बाजार तक जल्दी पहुंचाने का मौका मिलेगा। संत कबीर नगर में निर्माण से तुरंत रोजगार बढ़ेगा।
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आर्थिक उछाल की उम्मीद
इस लाइन से माल ढुलाई सस्ती होगी, छोटे व्यापार फलेंगे-फूलेंगे और संपत्ति के दाम चढ़ जाएंगे। हजारों नौकरियां पैदा होंगी, खासकर निर्माण के दौरान। पर्यटन बढ़ने से होटल, दुकानें चमकेंगी। ग्रामीण इलाके शहरों से जुड़कर पिछड़ेपन से बाहर निकलेंगे।
स्थानीय लोगों का उत्साह
लोगों में खुशी की लहर है, क्योंकि अब घंटों की यात्रा मिनटों में सिमट जाएगी। किसान कहते हैं कि इससे उनकी आमदनी दोगुनी हो जाएगी। युवा नौकरी की तलाश में बाहर न जाना पड़े। यह प्रोजेक्ट पूरे तराई क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

















