ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने वाले वाहन चालकों को भी कभी-कभी गलत ई-चालान का सामना करना पड़ता है। तकनीकी खराबी या नंबर प्लेट की अस्पष्टता जैसे कारणों से ऐसा होता है। अच्छी खबर यह है कि अब इसे रद्द कराने की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है, बिना किसी दफ्तर जाए।

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गलत चालान क्यों लगते हैं?
सड़कों पर लगे कैमरों से चालान कटना आम है, लेकिन कई बार गाड़ी का नंबर गलत पढ़ा जाता है। धुंधली प्लेट, खराब रोशनी या सिस्टम एरर इसके पीछे के कारण हो सकते हैं। ऐसे में बेवजह जुर्माना न चुकाना हर ड्राइवर का हक है। समय रहते कार्रवाई से समस्या हल हो जाती है।
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का तरीका
सबसे पहले आधिकारिक ई-चालान पोर्टल पर लॉगिन करें। चालान नंबर, वाहन रजिस्ट्रेशन और मोबाइल डिटेल्स भरें। गलती का स्पष्ट कारण बताते हुए आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, वाहन की तस्वीरें और जीपीएस लोकेशन जैसे प्रमाण अपलोड करें। शिकायत सबमिट करने के बाद ट्रैकिंग आईडी से स्टेटस चेक करते रहें। विभाग जल्दी जांच कर रद्दीकरण की प्रक्रिया शुरू करता है।
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जांच प्रक्रिया कितनी तेज?
शिकायत मिलने पर ट्रैफिक टीम प्राथमिकता से वेरिफिकेशन करती है। अगर गलती साबित होती है, तो चालान रद्द हो जाता है और कोई पेनल्टी नहीं लगती। आमतौर पर 30 से 60 दिनों में निपटारा होता है। देरी से बचने के लिए चालान मिलते ही 60 दिनों के अंदर आवेदन करें।
ऑफलाइन विकल्प और अतिरिक्त टिप्स
अगर इंटरनेट न हो, तो नजदीकी आरटीओ या ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में लिखित आवेदन दें। सभी दस्तावेज साथ ले जाएं और रिसीट लें। लोक अदालत जैसे विशेष आयोजनों में भी पुराने चालान माफ हो सकते हैं। हमेशा नंबर प्लेट साफ रखें और नियमों का पालन करें ताकि भविष्य में परेशानी न हो।
सावधानियां जो बचाएंगी झंझट
चालान चेक करते समय फोटो, तारीख और जगह ध्यान से देखें। गलत लगे तो तुरंत एक्शन लें। रिफंड की प्रक्रिया भी ऑनलाइन ही उपलब्ध है। इस नई व्यवस्था से लाखों ड्राइवरों को राहत मिली है, जो सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
















