ग्रामीण भारत की रीढ़ रही मनरेगा योजना में अब ऐतिहासिक परिवर्तन हो रहा है। पुराने जॉब कार्ड अब इतिहास बन चुके हैं। नई विकसित भारत ग्रामीण रोजगार गारंटी (VB-G RAM G) योजना के तहत ‘रामजी कार्ड’ ही काम दिलाने का एकमात्र साधन बनेगा। यह कदम ग्रामीण परिवारों को ज्यादा मजबूत रोजगार सुरक्षा देने के लिए उठाया गया है। लाखों मजदूरों को अब नया कार्ड बनवाना पड़ेगा, वरना 125 दिनों की गारंटीड नौकरी का लाभ हाथ से निकल सकता है।

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नई योजना का आधारभूत ढांचा
पहले मनरेगा में सालाना 100 दिनों का काम मिलता था, लेकिन अब VB-G RAM G के अंतर्गत यह बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। कार्ड तीन साल के लिए वैध रहेगा, उसके बाद रिन्यूअल जरूरी होगा। खास बात यह है कि खेती के व्यस्त मौसम में 60 दिनों तक काम रोकने का विकल्प मिलेगा, जिससे किसान परिवार अपनी फसल पर पूरा ध्यान दे सकें। मजदूरी का भुगतान अब साप्ताहिक या 15 दिनों में बैंक खाते में सीधे आएगा। अगर काम न मिले तो बेरोजगारी भत्ता भी तुरंत मिलेगा। यह बदलाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
रामजी कार्ड बनवाने की आसान प्रक्रिया
कार्ड बनवाना बिल्कुल सरल है। सबसे पहले अपनी ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचें। वहां सरपंच या सचिव को अपना नाम, उम्र, पूरा पता और परिवार के सदस्यों की जानकारी दें। जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, रहने का प्रमाण पत्र, उम्र का प्रमाण और बैंक पासबुक साथ ले जाएं। e-KYC प्रक्रिया से आधार लिंकिंग हो जाएगी। आवेदन जमा करने के 15 दिनों के अंदर कार्ड आपके हाथ में होगा। सिंगल महिलाओं, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए विशेष रंगीन कार्ड जारी होंगे, जो उनकी पहचान आसान बनाएंगे। ऑनलाइन पोर्टल पर भी स्टेटस चेक कर सकते हैं।
पुराने जॉब कार्ड का क्या होगा?
सभी पुराने मनरेगा जॉब कार्ड अब अमान्य हो चुके हैं। इनके आधार पर कोई काम नहीं मिलेगा। सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि नया रामजी कार्ड ही एकमात्र वैध दस्तावेज होगा। ग्रामीणों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। देरी से नुकसान हो सकता है, खासकर उन परिवारों का जो रोजगार पर निर्भर हैं। पंचायत स्तर पर कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां मुफ्त में कार्ड बनवाए जा सकेंगे।
योजना के प्रमुख लाभ और सावधानियां
यह नई व्यवस्था डिजिटल तकनीक से लैस है। हर काम की बायोमेट्रिक हाजिरी, जियो-टैगिंग और मोबाइल ऐप ट्रैकिंग अनिवार्य होगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भुगतान में देरी नहीं होगी। ग्रामीण महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिकता मिलेगी। हालांकि, कार्ड खोने पर तुरंत डुप्लिकेट बनवाएं। फर्जीवाड़े से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक पंचायत से ही संपर्क करें।
















