सर्दियों का मौसम पूरे शबाब पर है। उत्तर भारत में ठंडी हवाओं और घने कोहरे ने स्कूल जाने वाले बच्चों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली और पंजाब में पहले ही विंटर ब्रेक की शुरुआत हो चुकी है, जबकि यूपी और बिहार के अभिभावक अब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकारें मौसम की मार को देखते हुए जल्द फैसला लेने वाली हैं, ताकि बच्चे सुरक्षित रहें।

Table of Contents
यूपी स्कूलों में छुट्टियों का शेड्यूल
उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों के लिए विंटर वेकेशन 20 दिसंबर से शुरू होने की पूरी संभावना है। यह ब्रेक 31 दिसंबर तक चलेगा, यानी करीब 12 दिनों की राहत मिलेगी। ठंड ज्यादा होने पर जिला प्रशासन इसे बढ़ा सकता है। अभिभावक अपने इलाके के शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर नजर रखें, क्योंकि अंतिम आदेश जल्द जारी हो सकता है। इससे बच्चे क्रिसमस और न्यू ईयर का पूरा मजा ले सकेंगे।
बिहार में कब लगेंगी सर्दी की छुट्टियां?
बिहार के स्कूलों में विंटर ब्रेक क्रिसमस के दिन से दस्तक देगा। 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लगभग एक हफ्ते की छुट्टी का प्लान है, जो 2 जनवरी तक खिंच सकती है। सरकारी, निजी और बोर्ड स्कूलों पर एक ही नियम लागू होंगे। अगर कोहरा या ठंड ज्यादा हुई, तो लोकल मजिस्ट्रेट अतिरिक्त दिन जोड़ देंगे। यह ब्रेक बच्चों को पढ़ाई के साथ आराम का समय देगा।
दिल्ली और पंजाब का अपडेट
दिल्ली-एनसीआर में विंटर वेकेशन जनवरी के पहले हफ्ते से शुरू हो सकता है, जो 15 जनवरी तक चलेगा। वहीं पंजाब में 22 दिसंबर से 10 जनवरी तक लंबा ब्रेक चल रहा है। इन राज्यों में पहले ही स्कूल बंद हो चुके हैं, और बच्चे घर पर गर्माहट का लुत्फ उठा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- राशन कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर! इस तारीख के बाद बंद हो जाएगा राशन मिलना
कौन सा राज्य कब बंद?
| राज्य | ब्रेक शुरू | ब्रेक खत्म | अवधि (दिन) |
|---|---|---|---|
| उत्तर प्रदेश | 20 दिसंबर 2025 | 31 दिसंबर 2025 | 12 |
| बिहार | 25 दिसंबर 2025 | 31 दिसंबर 2025 | 7 |
| दिल्ली | 1 जनवरी 2026 | 15 जनवरी 2026 | 15 |
| पंजाब | 22 दिसंबर 2025 | 10 जनवरी 2026 | 20 |
क्या करें अभिभावक इस दौरान?
विंटर ब्रेक में बच्चे घर पर रहकर पढ़ाई का रिवीजन करें। बाहर कम निकलें, गर्म कपड़े पहनें और हेल्दी खाना खाएं। स्कूल ऐप या नोटिस बोर्ड चेक करते रहें, क्योंकि मौसम बदलने पर शेड्यूल में तब्दीली हो सकती है। यह समय परिवार के साथ बॉन्डिंग बढ़ाने का भी है। सरकारें छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं, इसलिए चिंता न करें।

















