ट्रेन से यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव आ रहा है। अब स्टेशन पहुंचते ही आपके बैगों की तौल होगी, ठीक वैसे ही जैसे हवाई अड्डों पर होता है। ज्यादा वजन पकड़े जाने पर तुरंत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है, जिससे सफर की शुरुआत ही मुश्किल न हो जाए।

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हर क्लास की अपनी वजन सीमा
रेल यात्रा में टिकट की श्रेणी के हिसाब से मुफ्त सामान की मात्रा तय है। प्रथम श्रेणी एसी में 70 किलोग्राम तक बिना किसी शुल्क के ले जा सकते हैं। दूसरी एसी में यह सीमा 50 किलोग्राम है, जबकि तीसरी एसी, स्लीपर या चेयर कार में 40 किलोग्राम तक अनुमति मिलती है। सेकंड क्लास या जनरल कोच में यह 35 किलोग्राम तक सीमित रहती है। इन सीमाओं से थोड़ा ऊपर तक जाना चाहें तो पहले से बुकिंग करा सकते हैं, लेकिन उससे आगे की चीजें पार्सल बोगी में ही रखनी पड़ेंगी।
अतिरिक्त सामान पर शुल्क की गणना
फ्री सीमा से अधिक वजन पर दूरी और क्लास के आधार पर शुल्क लगेगा। सामान्यतः यह पार्सल दर से डेढ़ गुना ज्यादा होता है। अगर बिना बुकिंग के ज्यादा सामान पकड़ा गया तो जुर्माना छह गुना तक जा सकता है। उदाहरण के लिए, लंबी दूरी पर 10 किलोग्राम अतिरिक्त का शुल्क कुछ सौ रुपये से शुरू होकर हजारों में पहुंच सकता है। बड़े स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनें लग रही हैं, जहां एंट्री गेट पर ही जांच होगी। इससे न सिर्फ भीड़ कम होगी बल्कि ट्रेनों में जगह भी बचेगी।
सामान के आकार पर भी नजर
वजन के साथ-साथ बैग का साइज भी मायने रखता है। सामान्यतः 100x60x25 सेंटीमीटर से बड़े बक्से या सूटकेस को अलग बुकिंग करानी पड़ती है। थर्ड एसी या चेयर कार में यह सीमा और सख्त है – 55x45x22.5 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं। भारी या असामान्य आकार वाले सामान पर दोगुना शुल्क लग सकता है। पशु या ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे विशेष मामलों में छूट है, लेकिन नियमों का पालन जरूरी। स्टेशन पर स्कैनिंग मशीनें भी सक्रिय हो रही हैं ताकि सुरक्षा बनी रहे।
यात्रियों के लिए जरूरी टिप्स
घर से निकलने से पहले वजन मशीन पर जांच लें। हल्के बैग चुनें, अनावश्यक चीजें छोड़ दें। पार्सल सेवा का इस्तेमाल करें अगर सामान ज्यादा है। वंदे भारत जैसी तेज ट्रेनों में यह नियम पहले से सख्ती से लागू हो सकता है। इससे सफर आरामदेह बनेगा और झगड़े कम होंगे। रेलवे का यह कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों को मजबूत करेगा।
















