दिल्ली में स्मॉग की मार से निर्माण काम ठप पड़े हैं, जिससे दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट रही है। सरकार ने प्रभावित श्रमिकों को सीधे खाते में 10 हजार रुपये भेजने का प्लान बनाया है, लेकिन यह पैसा सिर्फ वेरिफाइड रजिस्टर्ड मजदूरों को ही मिलेगा। अनवेरिफाइड एंट्री वाले श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, इसलिए स्टेटस चेक करना जरूरी हो गया है।

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योजना का बैकग्राउंड
प्रदूषण कंट्रोल के सख्त नियमों के चलते पिछले 16 दिनों से बिल्डिंग और तोड़फोड़ के काम बंद हैं। ऐसे में हजारों परिवार भुखमरी के कगार पर हैं। दिल्ली सरकार ने तुरंत राहत के लिए यह स्कीम लॉन्च की, जहां योग्य मजदूरों को 16 दिनों का मुआवजा मिलेगा। अगर हालात बिगड़े तो GRAP-4 में और मदद का वादा भी है। यह स्टेप मजदूरों को सांस लेने का मौका देगा।
कौन पात्र नहीं होगा?
सिर्फ वे मजदूर लाभ लेंगे जिनका नाम दिल्ली भवन निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में वैलिड हो। अनरजिस्टर्ड या अधूरी जानकारी वाले श्रमिकों को नो चांस। बोर्ड की लिस्ट में करीब 10 हजार वेरिफाइड नाम हैं, बाकी बाहर। अगर आपका रिकॉर्ड पुराना या अपडेटेड नहीं है, तो नाम कटने का खतरा है। एसेंशियल सर्विसेज वाले कर्मचारी भी इस दायरे से बाहर रहेंगे।
स्टेटस चेक करने का आसान तरीका
सबसे पहले dbocwwb.delhi.gov.in पर लॉगिन करें। अपना 14 अंकीय रजिस्ट्रेशन नंबर या आधार नंबर डालें। स्क्रीन पर ‘वेरिफाइड’, ‘पेंडिंग’ या ‘डिफिशिएंसी’ दिखेगा। अगर समस्या हो तो तुरंत दस्तावेज अपलोड करें – आधार, बैंक डिटेल्स, फोटो और साइट प्रूफ। e-District पोर्टल से भी ट्रैकिंग हो जाती है। हेल्पलाइन पर कॉल करके जिला ऑफिस से गाइडेंस लें। देरी न करें, ट्रांसफर लिस्ट फाइनल होने वाली है।
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अपडेट कैसे करें और लाभ पाएं
रजिस्ट्रेशन के लिए आधार, निवास प्रमाण और बैंक पासबुक तैयार रखें। ऑनलाइन फॉर्म भरें, वेरिफिकेशन के बाद DBT से पैसा आ जाएगा। महिला मजदूरों और बच्चों के लिए एक्स्ट्रा बेनिफिट्स भी जुड़ सकते हैं। जागरूकता फैलाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा भाईयों को राहत मिले। यह स्कीम मजदूर वर्ग की असली ताकत दिखाती है।
महत्वपूर्ण टिप्स और सावधानियां
मोबाइल से ही सब चेक करें, CSC सेंटर भी मददगार हैं। फर्जी ऐप्स से बचें, सिर्फ ऑफिशियल साइट यूज करें। अगर नाम कट गया तो अपील का ऑप्शन है, लेकिन जल्दी ऐक्शन लें। यह मौका हाथ से न जाने दें – परिवार की भलाई इसी में है। सरकार की यह पहल प्रदूषण और गरीबी दोनों से लड़ने का जवाब है।
















