
राजस्थान के उत्तरी हिस्से के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-62 के विस्तार को हरी झंडी दिखा दी है। मंत्रालय ने इस 75.5 किलोमीटर लंबे मार्ग को टू-लेन से फोरलेन बनाने की वित्तीय स्वीकृति जारी की है। इस परियोजना पर कुल 1022.57 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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निर्माण पर 785 करोड़ रुपए की लागत होगी
सरकार की स्वीकृति के अनुसार, फोरलेन सड़क निर्माण पर करीब 785 करोड़ रुपए की प्रत्यक्ष लागत आएगी। वहीं, शेष 240.57 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण, वन क्षेत्र उपयोग और अन्य प्रशासनिक कार्यों में खर्च होंगे। सार्वजनिक निर्माण विभाग को परियोजना के लिए बजट स्वीकृति मिल चुकी है, जिसके बाद विभाग की टीमें निर्माण की तैयारियों में जुट चुकी हैं।
2011 से उठ रही थी फोरलेन की मांग
यह हाईवे क्षेत्र का एक प्रमुख मार्ग है, जो बीकानेर, सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों को जोड़ता है। वर्ष 2011 में जब बीकानेर से श्रीगंगानगर तक मेगा हाइवे बनाने की योजना बनी थी, तभी इस मार्ग को फोरलेन करने की मांग स्थानीय लोगों और व्यापारिक संगठनों की ओर से लगातार उठाई जा रही थी। बढ़ते ट्रैफिक और हादसों की बढ़ती संख्या ने इस परियोजना की जरूरत को और भी जरूरी बना दिया था। अब जब केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है, तो करीब डेढ़ दशक बाद लोगों की यह मांग पूरी होने जा रही है।
ट्रैफिक का दबाव घटेगा, सफर होगा सुगम
सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर के बीच का रास्ता न केवल यात्री वाहनों के लिए, बल्कि कृषि और औद्योगिक परिवहन के लिहाज से भी अत्यंत व्यस्त माना जाता है। रोजाना भारी मालवाहक ट्रक और ट्रैक्टर इस मार्ग से गुजरते हैं। फोरलेन बनने के बाद इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा और दुर्घटनाओं में भी गिरावट आने की उम्मीद है। साथ ही वाहन चालकों को रुकावटों से मुक्ति मिलेगी और यात्रा सुगम व सुरक्षित होगी।
बनेंगे दो फ्लाईओवर और नई सुविधाएं
परियोजना के तहत इस फोरलेन मार्ग पर दो नए फ्लाईओवर बनेंगे। इससे वाहनों को बीच रास्ते में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और ट्रैफिक की निर्बाध गति बनी रहेगी। इसके अलावा सड़क की गुणवत्ता, चौड़ाई, सुरक्षा दीवारें, सड़कों के किनारे नालियां और साइन बोर्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। लगभग 190 हेक्टेयर वन भूमि अधिग्रहित की जाएगी, जिसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
2027 तक पूरा होने की उम्मीद
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने फोरलेन निर्माण को तीन चरणों में पूरा करने की योजना बनाई है। पहले चरण में भूमि अधिग्रहण और फ्लाईओवर डिज़ाइन तैयार किए जाएंगे, दूसरे चरण में सड़क निर्माण और डामरीकरण कार्य शुरू होगा, जबकि तीसरे चरण में चिन्हांकन, लाइटिंग और सुरक्षा फीचर्स लगाए जाएंगे। विभाग का लक्ष्य है कि यह परियोजना वर्ष 2027 के अंत तक पूरी तरह से तैयार हो जाए।
क्षेत्र में विकास के नए अवसर
यह फोरलेन परियोजना सिर्फ सड़क निर्माण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके साथ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ क्षेत्र के किसानों, व्यापारियों और पर्यटकों को बड़ा लाभ होगा। उद्योगों की आवाजाही आसान होगी और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।
स्थानीय लोगों में उत्साह
फोरलेन की मंजूरी के बाद स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों का कहना है कि यह सड़क बनने से क्षेत्र के विकास की गति कई गुना बढ़ जाएगी। कई ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने वाले इस मार्ग के विस्तारित होने से शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो जाएगी।
















