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बैंकों का बड़ा कदम! ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए वेरिफिकेशन नियम बदलें, अब ऐसे होगा वेरीफिकेशन

देशभर के बैंकों ने वेरिफिकेशन के नियम बदल दिए हैं। अब अकाउंट खोलने के लिए ऑनलाइन नहीं, बल्कि फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। ICICI, SBI, HDFC समेत बड़े बैंक यह प्रक्रिया लागू कर चुके हैं। बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और फर्जी खातों के मामलों के चलते यह फैसला ग्राहकों की सुरक्षा के लिए अहम माना जा रहा है।

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देशभर के बैंकों ने एक बड़ा बदलाव लागू किया है। अब अगर आप नया बैंक अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो केवल ऑनलाइन फॉर्म भरना काफी नहीं होगा। बैंक अकाउंट होल्डर्स को अब फिजिकल वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। यानी बैंक अधिकारी खुद ग्राहक के घर या ऑफिस जाकर डिटेल्स वेरिफाई करेंगे या ग्राहक को बैंक ब्रांच में बुलाया जाएगा।

ऑनलाइन फ्रॉड्स बने बदलाव की वजह

बैंकों ने यह नियम इसलिए बदला है क्योंकि हाल के महीनों में फर्जी अकाउंट खोलने और ऑनलाइन आइडेंटिटी चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। कई लोग डिजिटल डॉक्यूमेंट्स का गलत इस्तेमाल करके फर्जी अकाउंट खोल रहे थे, जिससे करोड़ों रुपये के फ्रॉड सामने आए। अब Online से Physical Verification की ओर लौटना डिजिटल फ्रॉड रोकने की कोशिश का हिस्सा है।

देश के बड़े बैंक शामिल

इस नए नियम को ICICI बैंक, HDFC बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंकों ने अपनाना शुरू कर दिया है। कुछ बैंकों ने अपनी डिजिटल सेवाओं में बदलाव भी किया है जैसे ICICI बैंक ने Insta Account Opening सर्विस बंद कर दी है। अब केवल सैलरी अकाउंट ही ऑनलाइन खोले जा सकते हैं।

बैंक ब्रांच तक जाना होगा जरूरी

बैंकों ने अपने ग्राहकों को यह जानकारी देना शुरू किया है कि वे नजदीकी शाखा (branch) में जाकर अपने दस्तावेज जमा करें और वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करें। बैंक अफसरों को भी अब ग्राहकों के घर विजिट कर KYC जांच (Know Your Customer Verification) करनी होगी। यदि वेरिफिकेशन अधूरा छोड़ा गया, तो बैंक पर भारी जुर्माना लग सकता है।

2024 में बढ़े फर्जी बैंक अकाउंट के केस

साल 2024 के दौरान कई प्रमुख बैंकों में फर्जी खातों के जरिए धोखाधड़ी के मामले सामने आए। स्कैमर्स ने नकली KYC डॉक्यूमेंट्स के जरिये खाते खुलवाए और उनमें अवैध लेन-देन किया। इसके बाद, बैंकों ने नियम सख्त करते हुए कहा कि अब प्रत्येक खाते के लिए फिजिकल आइडेंटिटी चेक जरूरी होगा, चाहे खाता बचत का हो या चालू खाते का।

ग्राहकों की सुरक्षा के लिहाज से अहम फैसला

भले ही इस कदम से डिजिटल बैंकिंग की स्पीड थोड़ी धीमी हो जाएगी, लेकिन ग्राहकों की सुरक्षा के लिहाज से यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है। बैंकिंग सेक्टर में बढ़ती फर्जीवाड़े की घटनाओं को देखते हुए यह बदलाव ग्राहकों के भरोसे और बैंकिंग सिस्टम की पारदर्शिता, दोनों के लिए जरूरी है।

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