बिहार के एक छोटे से गांव में रहने वाले सुमोध कुमार की जिंदगी एकदम फिल्मी कहानी जैसी है। कभी दिल्ली की सड़कों पर ऑटो चलाकर गुजारा करने वाले सुमोध ने हिम्मत दिखाई और घर लौट आए। आज वे सोया पनीर का कारोबार चला रहे हैं, जो न सिर्फ उनकी कमाई का जरिया है बल्कि आसपास के इलाके में मिसाल भी बन गया।

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ऑटो से उद्यमी तक का सफर
दिल्ली में रोज की भागदौड़ के बीच सुमोध को कुछ बड़ा करने का मन था। एक दिन सोया पनीर बनाने का आइडिया आया, जो बाजार में मिलावट से परेशान लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प था। गांव पहुंचकर उन्होंने आसपास के लोगों से तकनीक सीखी और घर पर ही छोटे स्तर से शुरुआत की। शुरुआती दिनों में मुश्किलें आईं, लेकिन हार नहीं मानी।
गुणवत्ता ने दिलाई पहचान
सुमोध ने हमेशा शुद्धता पर जोर दिया। सोया पनीर को प्रोटीन से भरपूर बताकर लोगों को इसके फायदे समझाए। धीरे-धीरे ग्राहक बढ़े और आज वे रोज 40 किलो तक बना रहे हैं। हर किलो 200 रुपये में बिकता है, जिससे अच्छी आय हो रही है। यह उत्पाद स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, खासकर शाकाहारियों और फिटनेस प्रेमियों के लिए।
सफलता का राज और संदेश
सफलता का मूल मंत्र मेहनत और सीखने की चाहत रही। सुमोध अब गांव के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं कि छोटे विचार से बड़ा बिजनेस खड़ा किया जा सकता है। घर बैठे रोजगार से वे आत्मनिर्भर बने और परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। उनकी कहानी बताती है कि सही दिशा मिले तो किस्मत बदल सकती है।
















