Join Youtube

Beti Yojana: बेटी को मिलेंगे ₹2 लाख! इस सरकारी योजना में आवेदन करना न भूलें, जानें पूरा प्रोसेस

भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों की बेटियों को ₹2 लाख तक की आर्थिक सहायता देती है। बेटी के जन्म से लेकर 21 साल की उम्र तक किस्तों में राशि मिलती है। जानें योजना की पात्रता, जरूरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी, जिससे आपकी बेटी का भविष्य बने सुरक्षित और उज्ज्वल।

Published On:
Beti Yojana: बेटी को मिलेंगे ₹2 लाख! इस सरकारी योजना में आवेदन करना न भूलें, जानें पूरा प्रोसेस

अगर आपके घर में भी प्यारी सी बेटी है, तो यह योजना आपके बहुत काम की है। सरकार बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ऐसी स्कीम चला रही है, जिसमें कुल मिलाकर लगभग ₹2,00,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस सरकारी योजना का नाम है भाग्यलक्ष्मी योजना, जिसे खास तौर पर गरीब और कमजोर परिवारों की बेटियों के लिए शुरू किया गया है।

भाग्यलक्ष्मी योजना क्या है?

भाग्यलक्ष्मी योजना ऐसी स्कीम है जिसमें बेटी के जन्म से लेकर 21 साल की उम्र तक सरकार की ओर से अलग-अलग चरणों में आर्थिक मदद दी जाती है। बेटी के नाम पर बांड और शिक्षा सहायता दोनों का प्रावधान है। इस योजना से न सिर्फ बेटी की पढ़ाई में मदद मिलती है, बल्कि उसकी शादी या उच्च शिक्षा के समय एक बड़ी राशि भी उसके पास सुरक्षित रहती है।

बेटियों को मिलती है कुल ₹2,00,000 तक की मदद

इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों के लिए लगभग ₹2 लाख तक का फायदा होता है।

  • बेटी के जन्म पर ₹51,000 का बांड उसके नाम से जारी किया जाता है।
  • समय-समय पर पढ़ाई के दौरान अलग-अलग क्लास में पहुंचने पर आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • बांड की राशि 21 वर्ष पूरे होने पर मैच्योर होकर लगभग ₹2,00,000 तक हो जाती है।

इसके अलावा, बेटी को जन्म देने वाली मां को भी ₹5,100 की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि शुरुआती समय में होने वाला खर्च आसानी से मैनेज किया जा सके।

पढ़ाई के लिए कैसे मिलती है किस्तों में राशि?

भाग्यलक्ष्मी योजना में बेटी की स्कूलिंग को सपोर्ट करने के लिए अलग-अलग कक्षा में पहुंचने पर पैसा दिया जाता है:

  • कक्षा 6 में एडमिशन पर: ₹3,000
  • कक्षा 8 में एडमिशन पर: ₹5,000
  • कक्षा 10 में एडमिशन पर: ₹7,000

इस तरह पढ़ाई के दौरान कुल लगभग ₹23,000 की राशि शिक्षा सहायता के रूप में मिलती है, जो बेटी की फीस, किताबें, यूनिफॉर्म आदि में काफी मददगार साबित होती है।

कौन ले सकता है भाग्यलक्ष्मी योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ हर कोई नहीं ले सकता, इसके लिए कुछ बेसिक पात्रताएं तय की गई हैं, जैसे:

  • बेटी के माता-पिता गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हों।
  • परिवार की कुल आय निर्धारित सीमा के भीतर हो (यह सीमा राज्य सरकार तय करती है)।
  • आम तौर पर यह योजना बीपीएल या निम्न आय वर्ग के लिए होती है।
  • बेटी का जन्म रजिस्टर्ड हो और उसका जन्म प्रमाण पत्र बना हो।

(नोट: अलग-अलग राज्यों में इस तरह की बेटियों की योजनाओं की शर्तों में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है, इसलिए स्थानीय नियम जरूर चेक करें।)

आवेदन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

आवेदन करते समय आपको ये डॉक्यूमेंट साथ रखने होंगे:

  • बेटी के माता-पिता का आधार कार्ड
  • बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate), यदि लागू हो
  • आय प्रमाण पत्र (Income Certificate)
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो

भाग्यलक्ष्मी योजना में आवेदन कैसे करें?

भाग्यलक्ष्मी योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया काफी आसान रखी गई है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों एरिया के लोग इसका लाभ ले सकें।

  1. सबसे पहले अपने नजदीकी महिला एवं बाल विकास विभाग (Women & Child Development Office) के कार्यालय जाएं।
  2. वहां से भाग्यलक्ष्मी योजना का Application Form प्राप्त करें।
  3. फॉर्म में मांगी गई सभी डिटेल जैसे नाम, पता, आय, बैंक डिटेल, बेटी की जानकारी आदि सही-सही भरें।
  4. सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट की फोटोकॉपी अटैच करें और उन पर अपने हस्ताक्षर करें।
  5. फॉर्म को संबंधित अधिकारी के पास जमा करें।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद, यदि आप पात्र पाई जाती हैं, तो बेटी के नाम पर बांड जारी कर दिया जाता है और आगे की किस्तें तय शर्तों के अनुसार मिलनी शुरू हो जाती हैं।

क्यों जरूरी है Beti Ki Yojana?

आज के समय में बेटी की पढ़ाई, हेल्थ और शादी सभी पर अच्छा-खासा खर्च आता है। गरीब परिवारों के लिए यह बोझ बन जाता है। भाग्यलक्ष्मी जैसी योजनाएं इन परिवारों को भरोसा देती हैं कि उनकी बेटी का भविष्य सुरक्षित है। इससे बेटियों के जन्म को बढ़ावा मिलता है, भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों में कमी आती है और समाज में “बेटी बोझ नहीं, भाग्यलक्ष्मी है” वाला संदेश जाता है।

Leave a Comment

🔥 वायरल विडिओ देखें