
बिजली के बढ़ते बिल और लगातार महंगी होती ऊर्जा के बीच केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई है। इस योजना के तहत अब हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाना आसान और किफायती हो गया है। खास बात यह है कि 3 किलोवाट का सोलर प्लांट अब केवल ₹1800 की मासिक किस्त पर लगाया जा सकता है।
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श्रावस्ती से शुरू हुई नई पहल
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में इस योजना को जमीन पर उतारने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने एक विशेष बैठक कर सभी विभागों, ग्राम प्रधानों, एफपीओ संगठनों, वेंडरों और कोटेदारों को शामिल किया। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि यह योजना केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि हर घर की छत तक पहुंचे। डीएम ने कहा “हमारा लक्ष्य है कि हर आम नागरिक को बिजली की महंगाई से राहत मिले। सरकार ने अब हर परिवार को सोलर से जोड़ने का संकल्प लिया है।”
हर अधिकारी को मिला लक्ष्य
बैठक में खंड विकास अधिकारियों (BDO), पंचायत सचिवों और ऊर्जा विभाग के अफसरों को सटीक लक्ष्य सौंपे गए। प्रत्येक अधिकारी को अपने क्षेत्र में सोलर प्लांट लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही वेंडरों को भी कहा गया कि वे तेजी से काम करें और लोगों को योजना के वास्तविक लाभ के बारे में बताएं।
3 किलोवाट सोलर प्लांट पर ₹1800 की EMI
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 से 5 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम इंस्टॉल कराए जा सकते हैं। एक किलोवाट सिस्टम की औसत लागत लगभग ₹60,000 होती है, जो करीब 25 साल तक काम करता है। यानी, एक बार निवेश करने के बाद वर्षों तक फ्री बिजली की सुविधा मिलती है।
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 3 किलोवाट का प्लांट अब केवल ₹1800 प्रति माह की EMI पर लगाया जा सकता है। लोगों के लिए बैंक से 7% ब्याज दर पर आसान लोन की सुविधा भी दी गई है, ताकि किसी पर वित्तीय बोझ न पड़े।
सब्सिडी सीधे खाते में
डीएम द्विवेदी ने बताया कि सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजी जाएगी। लोगों को बस इतना ध्यान रखना है कि वे केवल UPNEDA में पंजीकृत (registered) वेंडरों से ही सोलर पैनल लगवाएं। ऐसा करने से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या तकनीकी दिक्कत से बचा जा सकेगा।
बिजली बिल में बचेगा पैसा, पर्यावरण को भी फायदा
यह योजना दोहरी राहत देती है — एक तरफ बिजली बिल कम होगा, दूसरी ओर पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। सोलर एनर्जी एक clean and renewable source है, जिससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
डीएम ने कहा कि यह योजना न सिर्फ आर्थिक रूप से सहायक है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम है। “हर घर सौर ऊर्जा से जुड़ता है, तो गांव भी आत्मनिर्भर बनेंगे और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा,” उन्होंने कहा।
आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान
इस योजना का लाभ पाने के लिए कोई भी इच्छुक नागरिक https://pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन (Online Application) कर सकता है। आवेदन के दौरान आधार, बैंक विवरण और छत की जानकारी देना आवश्यक होगा। साथ ही अधिकारी, ग्राम प्रधान और वेंडर गांव-गांव जाकर लोगों को योजना की जानकारी दे रहे हैं, ताकि हर पात्र परिवार इस अवसर का लाभ उठा सके।
भविष्य की दिशा
सरकार की यह पहल न सिर्फ बिजली खर्च कम करने का उपाय है, बल्कि ग्रामीण भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले समय में जब हर घर अपनी छत से बिजली तैयार करेगा, तब “बिजली बिल” नहीं बल्कि “बिजली बचत” लोगों की नई पहचान बनेगी।
















