सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। खासकर देरी से आवेदन करने वालों को अब अतिरिक्त सत्यापन से गुजरना पड़ेगा। यह कदम फर्जी दस्तावेजों पर लगाम लगाने और सिस्टम को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अगर आपका बच्चा का जन्म एक साल से ज्यादा पुराना हो गया है, तो तुरंत अपडेट हो जाएं।

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नए नियमों की जानकारी!
पहले जन्म के 21 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र बनवाना आसान था, लेकिन अब एक साल बाद के मामलों में स्थानीय SDM (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) की अनुमति जरूरी कर दी गई है। ग्रामीण इलाकों में पंचायत स्तर पर शुरुआती जांच होगी, जबकि शहरों में संबंधित अधिकारी इसे हैंडल करेंगे। यह बदलाव पूरे देश में लागू हो रहा है, जिससे लाखों परिवार प्रभावित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर स्कूल एडमिशन या पासपोर्ट के लिए प्रमाण पत्र चाहिए, तो जल्दी कार्रवाई करें।
क्यों जरूरी है SDM की अनुमति?
पुरानी व्यवस्था में कई बार बिना ठोस सबूत के प्रमाण पत्र जारी हो जाते थे, जिससे विवाद बढ़ते थे। अब सरकार डिजिटल रिकॉर्डिंग को बढ़ावा दे रही है, जहां आधार और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों से मिलान अनिवार्य होगा। इससे न केवल जालसाजी रुकेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं जैसे PM कisan या स्कॉलरशिप में लाभ लेना आसान होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय में सिस्टम को भरोसेमंद बनाएगा।
आवेदन के लिए जरूरी कागजात
सफल आवेदन के लिए ये दस्तावेज तैयार रखें:
- बच्चे के जन्म की अस्पताल रिपोर्ट या आंगनवाड़ी का रिकॉर्ड।
- माता-पिता के आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड।
- दो गवाहों के हलफनामे, जो जन्म तिथि की पुष्टि करें।
- अगर देरी हो गई है, तो SDM से अनुमति पत्र।
ये कागजात ऑनलाइन पोर्टल crsorgi.gov.in पर अपलोड करें। प्रक्रिया डिजिटल हो गई है, इसलिए मोबाइल से ही ट्रैकिंग संभव है।
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मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी असर
जन्म के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र के नियम भी सख्त हो गए हैं। 30 दिन बाद आवेदन पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या पुलिस FIR जरूरी होगी। कोर्ट का आदेश भी लग सकता है, खासकर संदिग्ध मामलों में। इससे बीमा क्लेम या संपत्ति हस्तांतरण में पारदर्शिता आएगी। परिवारों को सलाह दी जाती है कि घटना के तुरंत बाद स्थानीय अधिकारी से संपर्क करें।
क्या करें अगर प्रमाण पत्र नहीं बना?
अगर पुराना प्रमाण पत्र खो गया हो या गलती हो, तो स्थानीय तहसील या नगर निगम जाएं। ऑनलाइन अपील का विकल्प भी उपलब्ध है। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जहां फ्री सलाह मिलेगी। देरी से बचें, क्योंकि बिना प्रमाण पत्र के सरकारी लाभ, बैंक खाता या नौकरी में दिक्कत हो सकती है।
लाभ और सावधानियां
ये बदलाव नागरिकों को मजबूत पहचान देंगे, लेकिन जागरूकता जरूरी है। गांव-शहर सभी जगह जागरूकता अभियान चल रहे हैं। अगर कोई समस्या हो, तो RTI दाखिल कर स्थिति पता करें। कुल मिलाकर, समय पर प्रमाण पत्र बनवाना अब पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।
















