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B.Ed उम्मीदवारों को बड़ी राहत! TGT-PGT भर्ती में योग्यता पर दिल्ली हाईकोर्ट की मुहर, पढ़ें पूरा फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने B.Ed उम्मीदवारों के पक्ष में अहम फैसला सुनाया है। अब TGT-PGT भर्ती में उनकी उम्मीदें फिर से जिंदा हो गई हैं। जानिए कोर्ट ने क्या कहा और इसका करोड़ों शिक्षार्थियों पर क्या असर पड़ेगा।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें B.Ed डिग्री धारकों को ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) पदों के लिए पूरी तरह योग्य माना गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्ती विज्ञापन में यदि किसी डिग्री को स्पष्ट रूप से अयोग्य नहीं ठहराया गया, तो बाद में उम्मीदवारों को बाहर नहीं किया जा सकता। यह फैसला सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के पूर्व आदेशों को बरकरार रखता है। हजारों अभ्यर्थी अब बिना किसी दुविधा के इन पदों पर आवेदन कर सकेंगे।

B.Ed उम्मीदवारों को बड़ी राहत! TGT-PGT भर्ती में योग्यता पर दिल्ली हाईकोर्ट की मुहर, पढ़ें पूरा फैसला

विवाद का मूल कारण

पहले भर्ती प्रक्रियाओं में B.Ed (स्पेशल एजुकेशन) को सामान्य शिक्षण पदों से अलग रखा जाता था। दिल्ली सरकार और सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (DSSSB) का तर्क था कि यह डिग्री केवल विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए उपयुक्त है। लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि विज्ञापन में केवल ‘टीचिंग डिग्री या डिप्लोमा’ का उल्लेख था, जिसमें कोई भेदभाव नहीं। रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (RCI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, ये अभ्यर्थी सामान्य कक्षा शिक्षण के लिए भी सक्षम हैं।

अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ

यह निर्णय B.Ed पास युवाओं के लिए करियर के द्वार खोल देगा। दिल्ली और周边 क्षेत्रों में चल रही शिक्षक भर्तियों में अब वे TGT और PGT दोनों के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इससे न केवल नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भर्ती में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। ग्रामीण और शहरी इलाकों के अभ्यर्थी, जो पहले असमंजस में थे, अब आत्मविश्वास से तैयारी कर सकेंगे। कुल मिलाकर, शिक्षा क्षेत्र में योग्यता मानदंडों को सरल बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

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तैयारी के लिए सुझाव

अभ्यर्थियों को तत्काल DSSSB की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखनी चाहिए, जहां नई भर्ती अधिसूचनाएं जारी होती रहती हैं। CTET या राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) को प्राथमिकता दें, क्योंकि ये अनिवार्य रहेंगी। दस्तावेजों जैसे B.Ed सर्टिफिकेट, मार्कशीट और RCI मान्यता को पहले से तैयार रखें। नियमित मॉक टेस्ट दें और सिलेबस पर फोकस करें, विशेषकर पेडागॉजी और सब्जेक्ट नॉलेज पर। ऑनलाइन कोचिंग या स्टडी ग्रुप्स का सहारा लें।

भविष्य की संभावनाएं

यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी मार्गदर्शक बन सकता है, जहां समान विवाद चल रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय को अब एकसमान नियम बनाने की जरूरत है, ताकि अभ्यर्थी देशभर में एक समान प्लेटफॉर्म पर खड़े हो सकें। B.Ed धारक शिक्षक बनने की दौड़ में मजबूत स्थिति में हैं। लगन से तैयारी करें, सफलता निश्चित है। 

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