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कहीं विवादित प्रॉपर्टी तो नहीं खरीद रहे आप? एक ‘EC’ कागज़ खोल देगा जमीन के सारे पुराने राज

कहीं आप फँस न जाएं फर्जी जमीन सौदे में! जानिए कैसे एक 'EC' कागज़ खोल देता है आपकी प्रॉपर्टी के पुराने राज और कानूनी इतिहास।

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प्रॉपर्टी खरीदना जीवन का बड़ा निवेश होता है, लेकिन गलत डील से सालों की कमाई डूब सकती है। एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट यानी EC वह एकल दस्तावेज है जो संपत्ति के पूरे इतिहास को उजागर कर देता है। यह छोटा सा कागज पुराने लोन, मुकदमों या छिपे दावों का पर्दाफाश करता है, जिससे खरीदार सुरक्षित रहता है।

कहीं विवादित प्रॉपर्टी तो नहीं खरीद रहे आप? एक 'EC' कागज़ खोल देगा जमीन के सारे पुराने राज

EC की सच्ची पहचान

एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट संपत्ति पर लगे किसी भी कानूनी या वित्तीय बोझ का प्रमाण देता है। सरकारी रजिस्ट्री कार्यालय से जारी यह रिपोर्ट पिछले 12 से 30 सालों के सभी लेन-देन दिखाती है। अगर कोई बैंक लोन बकाया है या पुराना मालिक दावा ठोक रहा है, तो EC सब कुछ साफ बयान कर देगा। बिना इसके रजिस्ट्री कराना जोखिम भरा है, क्योंकि नया मालिक ही कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटेगा।

दो रूप, एक ही मकसद

EC मुख्य रूप से दो प्रकार का आता है। पहला, जहां संपत्ति पर कोई ट्रांजेक्शन दर्ज है – जैसे बिक्री, पट्टा या गिरवी। यह सभी डिटेल्स लिस्ट करता है। दूसरा, पूरी तरह साफ-सुथरी संपत्ति के लिए, जो निल बोझ वाला होता है। खरीदते समय हमेशा ताजा EC लें, क्योंकि पुराना कागज बेकार साबित हो सकता है। बैंक लोन के लिए तो यह अनिवार्य ही है।

EC निकालने का आसान तरीका

स्थानीय सब-रजिस्ट्रार ऑफिस या राज्य पोर्टल पर प्रॉपर्टी का सर्वे नंबर, पुरानी डीड और आईडी प्रूफ जमा करें। फीस मामूली 200-600 रुपये तक है, और 7-15 दिनों में तैयार। कई जगह ऑनलाइन आवेदन से घर बैठे मिल जाता है। वकील या प्रॉपर्टी एक्सपर्ट से जांच करवाएं ताकि कोई छिपी खामी न रहे। खरीद से ठीक पहले वैलिड EC ही लें।

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बिना EC के छिपे खतरे

कल्पना करें, आपकी नई जमीन पर अचानक पुराने मालिक का बेटा दावा कर बैठे या बैंक लोन वसूलने आए। ऐसे केस रोज सुनने को मिलते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। डबल सेल या अतिक्रमण के जाल में फंसकर लाखों रुपये और सालों का समय बर्बाद होता है। EC न लेना मतलब अंधेरे में तीर चलाना। सुरक्षित डील के लिए यह पहला कदम है।

स्मार्ट निवेशक बनें

आजकल डिजिटल पोर्टल्स ने प्रक्रिया सरल बना दी है। हर प्रॉपर्टी डील में EC को प्राथमिकता दें, चाहे किराए पर दें या बेचें। इससे न सिर्फ पैसे बचते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। सतर्क रहें, क्योंकि एक कागज आपका भविष्य संवार या उजाड़ सकता है। 

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