
आजकल ट्रेन टिकट बुक करना भले ही कुछ सेकंड में हो जाता है, लेकिन टिकट कैंसिल करना और रिफंड पाना आज भी कई यात्रियों के लिए एक पेचीदा प्रक्रिया है। अक्सर लोग टिकट इसलिए कैंसिल नहीं करते क्योंकि उन्हें यह साफ नहीं होता कि रिफंड कितना मिलेगा और कितना cancellation charge कटेगा। अब यात्रियों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे ने अपने नियमों में बदलाव कर दिए हैं।
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अब टिकट कैंसिल करने की टेंशन खत्म
आइआरसीटीसी (IRCTC) ने यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। पहले अगर किसी को अपनी यात्रा की तारीख बदलनी होती थी—जैसे 20 अक्टूबर की बजाय 25 अक्टूबर को सफर करना—तो उसे पहले टिकट कैंसिल कर नया टिकट बुक करना पड़ता था। इससे कैंसिलेशन चार्ज भी लगता था और रिफंड मिलने में समय भी लगता था।
लेकिन अब Indian Railways के नए नियम के तहत ऐसा करना ज़रूरी नहीं है। अब आप अपनी यात्रा की तारीख online ही reschedule कर सकते हैं। इससे आपको टिकट कैंसिल करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और रिफंड की चिंता भी नहीं करनी होगी।
नई तारीख पर सीट की उपलब्धता ज़रूरी
हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि जब आप अपनी journey date change करते हैं, तो नई तारीख पर सीट की उपलब्धता पर ही आपका टिकट कन्फर्म होगा। अगर उस ट्रेन में सीट खाली नहीं है, तो आपका टिकट waiting list में जा सकता है। यानी बदलाव आसान तो है, लेकिन सीट कन्फर्म तभी होगी जब availability हो। इसलिए यात्रा की योजना बदलने से पहले सीट की स्थिति जरूर चेक करें।
कैंसिलेशन चार्ज का नया स्ट्रक्चर
रेलवे ने टिकट कैंसिलेशन फीस की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया है। अब हर समय स्लॉट के अनुसार चार्ज तय है, ताकि यात्रियों को पहले से पता हो कि कब कैंसिल करने पर कितना पैसा कटेगा।
1. सफर से 7-8 दिन पहले टिकट कैंसिल करने पर
अगर आप journey date से 7-8 दिन पहले टिकट रद्द करते हैं, तो आपको सिर्फ एक handling charge भरना होगा। यह मामूली शुल्क है और बाकी का पैसा लगभग पूरा वापस मिल जाता है।
2. सफर से 48 से 12 घंटे पहले कैंसिलेशन पर
अगर टिकट ट्रेन चलने से 48 से 12 घंटे पहले तक रद्द करते हैं, तो कुल किराए का लगभग 25% cancellation fee के रूप में काटा जाएगा। यह चार्ज सीट के प्रकार—Sleeper, AC या Tatkal—पर निर्भर कर सकता है।
3. सफर से 12 से 4 घंटे पहले कैंसिल करने पर
यह वह समय होता है जब रेलवे को सीट भरने में मुश्किल होती है, इसलिए इस अवधि में टिकट कैंसिल करने पर 50% तक चार्ज देना पड़ता है। यानी आपको टिकट की आधी रकम का रिफंड मिलेगा। यह रकम आमतौर पर 7-8 दिनों में आपके बैंक अकाउंट में वापस आ जाती है।
क्यों किए गए ये बदलाव?
रेलवे का कहना है कि यात्रियों को अब refund transparency और customer-friendly process देने की दिशा में यह बड़ा कदम है। पहले यात्रियों को चार्ज के अलग-अलग नियमों और डेडलाइनों की जानकारी नहीं होती थी। अब नियम सरल और सार्वजनिक हैं, जिससे हर किसी को पहले से पता रहेगा कि टिकट कैंसिल करने या डेट बदलने पर कितना पैसा कटेगा।
डिजिटल रेल टिकट सिस्टम को बढ़ावा
रेलवे लगातार अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को बेहतर बना रहा है। अब टिकट बुकिंग, कैंसिलेशन, डेट चेंज या रिफंड ट्रैक करने तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। यात्रियों को स्टेशन जाकर लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। इससे न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि paperless travel को भी बढ़ावा मिलता है।
















