राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने पारंपरिक खेती करने वाले किसानों को मजबूत करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। बैलों की जोड़ी से खेत जोतने वाले छोटे किसानों को हर साल सीधे 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह मदद ग्रामीण इलाकों में खेती को नई जान फूंक देगी और आधुनिक मशीनों पर निर्भरता कम करेगी।

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योजना की खासियतें
यह योजना खासतौर पर लघु और सीमांत किसानों के लिए है, जो अभी भी पुरानी पद्धति से खेती करते हैं। सरकार ने हजारों किसानों को लक्ष्य बनाया है, जिनके लिए बैल पालन अब फायदेमंद साबित होगा। राशि सीधे बैंक खाते में आएगी, जिससे किसानों को तुरंत लाभ मिलेगा। इससे न सिर्फ खेती का खर्च कम होगा, बल्कि पशुपालन भी बढ़ावा पाएगा।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
किसानों को सरकारी पोर्टल पर जाकर सरल तरीके से रजिस्टर करना होगा। आधार कार्ड, किसान प्रमाण पत्र और बैलों से जुड़े बेसिक दस्तावेज अपलोड करने पड़ेंगे। आवेदन की जांच जल्दी पूरी हो जाती है, और स्वीकृति मिलते ही पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। ऑफलाइन विकल्प भी उपलब्ध है, ताकि हर किसान आसानी से जुड़ सके।
व्यापक किसान कल्याण
सरकार ने किसानों के लिए कई मोर्चों पर काम तेज कर दिया है। बिजली सप्लाई सुधारकर दिन में बिना रुकावट उपलब्ध कराई जा रही है। सोलर पंप और अन्य उपकरणों पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। सम्मान निधि जैसी योजनाओं से सालाना हजारों रुपये अतिरिक्त मदद पहुंच रही है।
भविष्य की उम्मीदें
यह पहल राजस्थान के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। पारंपरिक खेती को संरक्षित करते हुए आधुनिक सुविधाएं जोड़ना किसानों के जीवन को बदल देगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसान परिवारों में खुशहाली आएगी।
















