
महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) ने लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन नवंबर और दिसंबर की किश्त में देरी ने लाभार्थी महिलाओं के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं — आखिर पैसे अब तक आए क्यों नहीं?
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नवंबर-दिसंबर की किस्तें क्यों अटकीं?
मिली जानकारी के मुताबिक, किश्तों में देरी का सबसे बड़ा कारण स्थानीय निकाय चुनाव हैं। राज्य चुनाव आयोग ने हाल ही में विभिन्न नगर परिषदों, नगर पंचायतों और महानगरपालिकाओं के चुनावों की तिथियां घोषित की हैं।
20 दिसंबर को कुछ स्थानों पर मतदान होना है और 21 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसी बीच, राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के लिए भी चुनाव कार्यक्रम सामने आया है। इसके साथ ही पूरे राज्य में आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो चुकी है, जिसके चलते सरकार किसी भी योजना की राशि जारी नहीं कर सकती।
कब तक मिल सकती है भुगतान की तारीख?
आचार संहिता तब तक लागू रहेगी जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। नई जानकारी के अनुसार, 15 जनवरी 2026 को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना होगी। यानी महिलाओं को अब योजना की राशि 17 जनवरी 2026 के बाद ही मिलने की संभावना है। सरकार की मंशा है कि जैसे ही चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो, भुगतान को फिर से शुरू किया जाए। इसलिए लाभार्थी महिलाओं को फिलहाल थोड़े और धैर्य की जरूरत है।
क्या एक साथ तीन महीने की रकम मिलेगी?
यह सवाल फिलहाल सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चुनाव के बाद सरकार नवंबर, दिसंबर और जनवरी महीने की राशि एक साथ जारी करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो पात्र महिलाओं के बैंक खातों में सीधा ₹4,500 का ट्रांसफर हो सकता है।
हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस पर सकारात्मक रुख रखती है ताकि महिलाओं को देरी की भरपाई एक साथ हो सके।
चुनावी नियमों के कारण अटका भुगतान
आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी नई या लंबित योजना के भुगतान पर रोक लग जाती है। यह चुनाव आयोग का यह नियम है कि जब तक मतदान और मतगणना खत्म नहीं हो जाती, किसी भी सरकारी योजना के तहत पैसा जारी नहीं किया जा सकता। लाडकी बहिन योजना सीधे महिलाओं के खातों में मदद पहुंचाने के लिए बनी है, इसलिए सरकार चाहकर भी तब तक भुगतान नहीं कर सकती जब तक आचार संहिता खत्म न हो जाए।
महिलाओं के लिए राहत की उम्मीद
भले ही भुगतान में देरी हुई हो, लेकिन सरकार महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता में रख रही है। भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने पहले भी कहा था कि “किसी भी महिला को उसका हक नहीं रोका जाएगा।” इसलिए माना जा रहा है कि जैसे ही चुनाव प्रक्रिया समाप्त होगी, तीनों महीनों की राशि एक साथ ट्रांसफर की जा सकती है। इससे न सिर्फ देरी की भरपाई होगी, बल्कि महिलाओं को नए साल की एक बड़ी राहत भी मिलेगी।
क्या करना होगा लाभार्थी महिलाओं को?
अभी के लिए लाभार्थी महिलाओं को किसी तरह की दस्तावेजी कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं है। जिन महिलाओं के खाते पहले से योजना से जुड़े हुए हैं, उनके बैंक खातों में पैसे अपने आप ट्रांसफर हो जाएंगे। महिलाएं अपनी बैंक और योजना से जुड़ी जानकारी नियमित रूप से जांचती रहें, ताकि भुगतान आने पर तुरंत अपडेट मिल सके। किसी भी स्थिति में घोटाले या फर्जीवाड़े से बचने के लिए केवल सरकारी सूचना स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।
















