मिर्जापुर में गंगा नदी पर बनने वाले भव्य छह लेन पुल ने विकास की नई लहर पैदा कर दी है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए करीब 2500 किसानों से 15 किलोमीटर लंबी सड़क की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। यह पुल न केवल पूर्वांचल को मध्य प्रदेश से जोड़ेगा, बल्कि यात्रा के समय को आधा कर देगा और आर्थिक गतिविधियों को नई गति प्रदान करेगा। कुल मिलाकर यह परियोजना क्षेत्रीय समृद्धि का नया द्वार खोलेगी।

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सड़क निर्माण की तेज रफ्तार
गंगा के दोनों किनारों पर 15-15 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण जोरों पर है। एनएच-135 पर स्थित समोगरा से पुरजागिर तक फैली यह सड़क 60 मीटर चौड़ी होगी, जो भारी वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाएगी। मिट्टी की पटाई और आधारभूत कार्यों में तेजी आई है, जिससे प्रोजेक्ट निर्धारित समय पर पूरा होने की उम्मीद है। दिल्ली आधारित एक प्रमुख निर्माण कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दे रही है।
प्रभावित क्षेत्रों का नक्शा
यह सड़क शिवपुर विंध्याचल से मझरा, मवैया, चेकसारी और श्रीपट्टी जैसे गांवों को छूते हुए आगे बढ़ेगी। अर्जुनपुर, अमरावती, समोगरा, चितावनपुर, दुहौआ, टाड़, हर्रई और भवानीपुर समेत करीब 15 गांवों के किसान इससे सीधे जुड़े हैं। अधिग्रहण प्रक्रिया में 75 प्रतिशत से अधिक जमीन आ चुकी है, जबकि शेष के लिए मुआवजे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। किसानों को उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन सक्रिय है।
किसानों के लिए मुआवजा पैकेज
लगभग 231 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज तैयार किया गया है, जो किसानों की चिंताओं को दूर करेगा। कई किसानों ने स्वेच्छा से अपनी जमीन दान करने का फैसला किया है, ताकि विकास कार्य बिना रुकावट चले। सरकार ने पारदर्शी तरीके से प्रक्रिया अपनाई है, जिसमें सर्वे और मूल्यांकन के बाद भुगतान सुनिश्चित हो। इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि वे नए अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे।
यात्रा क्रांति का नया अध्याय
पुल पूरा होने पर प्रयागराज से मध्य प्रदेश तक का सफर बेहद आसान हो जाएगा। भारी ट्रकों और वाहनों को डायरेक्ट रूट मिलेगा, जिससे ट्रैफिक कंजेशन खत्म हो जाएगा। पूर्वांचल के जिलों को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला यह कॉरिडोर व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा। कुल 1700 करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास का प्रतीक बनेगा। स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
भविष्य की संभावनाएं
यह पुल न केवल यातायात सुधारने वाला है, बल्कि औद्योगिक हब स्थापित करने में भी मददगार साबित होगा। आसपास के गांवों में नई सुविधाएं विकसित होंगी, जैसे बाजार, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र। किसान अपनी जमीन के बदले वैकल्पिक आजीविका अपनाने को तैयार हैं। कुल मिलाकर यह परियोजना मिर्जापुर को मानचित्र पर चमकाएगी। विकास की यह गंगा यात्रा लाखों लोगों के जीवन को छुएगी।
















