
शादी के बाद मायके से ससुराल जाने वाली महिलाओं के लिए राशन कार्ड से जुड़ी प्रक्रिया हमेशा झंझट भरी रहती थी। पहले उन्हें मायके के राशन कार्ड से नाम कटवाने, फिर ससुराल में नया नाम जुड़वाने के लिए कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन अब भारत सरकार ने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC)’ योजना के नियमों को सरल बनाकर इस समस्या का समाधान कर दिया है।
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क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड योजना?
ONORC योजना का उद्देश्य देश के हर नागरिक को ‘कहीं भी, कभी भी राशन पाने का अधिकार’ देना है। अब राशन कार्ड किसी एक राज्य या जिले तक सीमित नहीं रह गया। यदि किसी व्यक्ति या परिवार का नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत है, तो वह देश के किसी भी हिस्से में सरकारी राशन दुकानों से अपना हक प्राप्त कर सकता है।
यह योजना विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों, कामकाजी महिलाओं और नवविवाहित महिलाओं के लिए उपयोगी साबित हो रही है, जिन्हें अब अपने नाम कटवाने या जुड़े होने की लंबी प्रक्रिया से मुक्ति मिली है।
शादी के बाद अब नहीं करना पड़ेगा नाम कटवाने का झंझट
पहले, शादी के बाद महिला को ससुराल में राशन लेने के लिए मायके के कार्ड से नाम हटवाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में कई बार हफ्तों या महीनों का समय लग जाता था, और कई बार राशन वितरण में भी दिक्कत आती थी।
अब सरकार ने इस प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बना दिया है। यदि नवविवाहित महिला का नाम अभी भी मायके के कार्ड में जुड़ा है, तो भी वह अपने आधार कार्ड का उपयोग करके ससुराल में या किसी भी शहर में अपने हिस्से का राशन आसानी से प्राप्त कर सकती है।
आधार से जुड़ा हुआ कार्ड अब बनेगा और भी स्मार्ट
नई व्यवस्था में सबसे बड़ा परिवर्तन आधार सीडिंग (Aadhaar Seeding) के रूप में आया है। महिला को बस यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका आधार कार्ड राशन कार्ड से सही तरह से लिंक हो।
यदि उसका पता बदल गया है, तो उसे सिर्फ अपना आधार पता अपडेट करना होगा। यह काम बेहद आसान है कोई भी अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र या UIDAI की वेबसाइट (uidai.gov.in) पर जाकर यह अपडेट कर सकता है। जैसे ही पता अपडेट होता है, नई जगह पर राशन कार्ड डेटाबेस में स्वचालित रूप से मैपिंग हो जाती है और वह बिना किसी बाधा के राशन प्राप्त कर सकती है।
ई-केवाईसी से प्रक्रिया हुई डिजिटल और तेज
सरकार अब सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य बना रही है। यह एक डिजिटल प्रक्रिया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार के सभी सदस्य सही स्थान पर पंजीकृत हैं।
ई-केवाईसी के बाद, शादी के बाद सदस्यों के स्थानांतरण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हो गई है। पहले जहां नाम बदलवाने में कई चरणों से गुजरना पड़ता था, अब यह काम कुछ मिनटों में पूरा किया जा सकता है।
प्रवासी और दूर रहने वालों को भी होगा फायदा
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना सिर्फ शादीशुदा महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी के लिए बड़ा वरदान है जो अपनी नौकरी, शिक्षा या अन्य कारणों से घर से दूर रहते हैं। अब किसी व्यक्ति को अपने गृह राज्य या जिले पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर कोई महिला बिहार से शादी के बाद दिल्ली में बस गई है और उसका नाम अभी भी बिहार के राशन कार्ड में है, तो भी वह दिल्ली में अपने आधार नंबर के ज़रिए राशन प्राप्त कर सकती है।
स्थानीय स्तर पर आवेदन अभी भी उपयोगी
हालांकि नई व्यवस्था डिजिटल और राष्ट्रीय स्तर की है, लेकिन सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर हस्तांतरण (Transfer) के लिए आवेदन करना अभी भी सबसे सुरक्षित तरीका है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि राशन कार्ड रिकॉर्ड में कोई दोहराव न हो और महिला के नाम की स्थिति स्थायी रूप से नई जगह पर दर्ज हो जाए। आवेदन आप अपने जिले के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में कर सकते हैं।
















