उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव होने वाला है। पुराने प्रीपेड मीटरों को हटाकर आधुनिक स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिससे बिलिंग सिस्टम ज्यादा सटीक और आसान हो जाएगा। लाखों परिवारों को इससे फायदा मिलेगा, क्योंकि बिजली की खपत पर नजर रखना सरल हो जाएगा।

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पुरानी व्यवस्था की कमियां
पुराने मीटरों में कनेक्टिविटी की दिक्कतें आम थीं, जिससे बिल गलत आते थे और शिकायतें बढ़ जातीं। कई बार डेटा सही समय पर नहीं पहुंचता था, जिससे उपभोक्ता परेशान होते। अब ये मुद्दे खत्म हो जाएंगे, क्योंकि नई तकनीक तेज और भरोसेमंद है।
नई तकनीक के फायदे
स्मार्ट प्रीपेड मीटर मोबाइल रिचार्ज की तरह काम करेंगे। बिजली खत्म होने से पहले अलर्ट मिलेगा और रिचार्ज करने पर कनेक्शन बहाल हो जाएगा। इससे बिजली चोरी रुकेगी, लाइन लॉस कम होगा और बिजली विभाग का रेवेन्यू बढ़ेगा। उपभोक्ता ऐप से लाइव खपत देख सकेंगे।
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समयसीमा और प्लानिंग
यह काम चरणबद्ध तरीके से होगा और मार्च 2027 तक पूरा हो जाएगा। राज्य के हर कोने में पहले से लगे करीब 12 लाख मीटर प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार की नई योजना के तहत फंडिंग होगी, इसलिए उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
लागत और फंडिंग का हिसाब
नए मीटर लगाने में अच्छा-खासा खर्च आएगा, लेकिन यह पहले के निवेश से अलग है। बिजली कंपनी इसे मैनेज करेगी और बाद में सिस्टम को स्थिर बनाए रखेगी। कुल मिलाकर, यह कदम बिजली सेवा को मजबूत बनाएगा।
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
मीटर बदलते समय सहयोग करें और ऐप डाउनलोड कर लें। कोई समस्या हो तो हेल्पलाइन पर संपर्क करें। यह बदलाव लंबे समय में बिजली बिल बचाएगा और सुविधा बढ़ाएगा। जल्द ही हर घर में नई सुविधा पहुंचेगी।
















