भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़े सहकारी बैंक पर सख्ती का डंडा चलाया है। असम के गुवाहाटी कोऑपरेटिव अर्बन बैंक पर 6 महीने के लिए कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इससे लाखों ग्राहक परेशान हैं, क्योंकि वे अपने खातों से पूरी रकम नहीं निकाल पाएंगे। बैंकिंग क्षेत्र में यह खबर तेजी से फैल रही है, और लोग अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए हैं। RBI का यह फैसला बैंक की खराब वित्तीय हालत को सुधारने के लिए लिया गया है, लेकिन ग्राहकों को तत्काल सावधानी बरतनी होगी।

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प्रतिबंधों की पूरी डिटेल
RBI ने 17 दिसंबर 2025 से बैंक के संचालन पर कई पाबंदियां लगा दी हैं। सबसे बड़ा झटका यह है कि ग्राहक अपने खाते के कुल बैलेंस से सिर्फ 35,000 रुपये ही निकाल सकेंगे। इसमें सेविंग्स, करेंट या कोई भी खाता शामिल है। बैंक नया लोन नहीं दे सकेगा, नई जमाराशियां नहीं ले सकेगा, न ही कोई निवेश या उधार कर सकेगा। ये नियम अगले 6 महीने तक लागू रहेंगे, जब तक RBI की पूर्व मंजूरी न मिले। बैंक का लाइसेंस तो बरकरार है, लेकिन ग्राहकों को सीमित एक्सेस ही मिलेगा। इससे बैंक की लिक्विडिटी मजबूत करने का प्रयास है।
ग्राहक अब क्या करें?
सबसे पहले, अगर आपका खाता इसी बैंक में है, तो तुरंत स्टेटमेंट चेक करें। निकासी सीमा का ध्यान रखें और जरूरी खर्चों के लिए ही पैसे लें। RBI ने स्पष्ट किया है कि 5 लाख रुपये तक की जमा राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) से सुरक्षित है। घबराहट में अन्य बैंकों में ट्रांसफर न करें, बल्कि बैंक शाखा जाकर स्थिति पता करें। लंबे समय के लिए पैसे दूसरी सुरक्षित जगह शिफ्ट करने पर विचार करें। सतर्क रहें, लेकिन पैनिक न करें।
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RBI ने क्यों उठाया यह कदम?
बैंक की आर्थिक स्थिति लंबे समय से कमजोर थी। लोन रिकवरी में देरी, पर्याप्त पूंजी की कमी और प्रबंधन की लापरवाही ने हालात बिगाड़ दिए। RBI ने कई बार चेतावनी दी, लेकिन सुधार न होने पर यह सख्ती जरूरी हो गई। सहकारी बैंकों पर ऐसी कार्रवाई पहले भी हो चुकी है, ताकि सिस्टम में विश्वास बना रहे। यह कदम पूरे बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए है। ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रखना RBI की प्राथमिकता है।
आगे क्या होगा?
6 महीनों में बैंक को अपनी स्थिति सुधारनी होगी। अगर सब ठीक रहा, तो प्रतिबंध हट सकते हैं। तब तक ग्राहक धैर्य रखें और नियमों का पालन करें। यह घटना सभी को सिखाती है कि छोटे बैंकों में जमा रखने से पहले उनकी स्थिरता जांचें। बड़े सरकारी या निजी बैंकों को प्राथमिकता दें। बैंकिंग नियमों में बदलाव आम हैं, लेकिन सावधानी से बचाव संभव है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

















