
अगर आपके घर की अलमारी, बक्से या दुकान के किसी कोने में दो हजार रुपए के पुराने नोट पड़े हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब भी इन नोटों को बदलने का अवसर दे रहा है। देशभर में आरबीआई की 19 शाखाओं में यह प्रक्रिया जारी है और लोग अपनी पहचान के साथ जाकर नोट बदलवा सकते हैं।
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मई 2023 से चल रही है प्रक्रिया
गौरतलब है कि आरबीआई ने 19 मई 2023 को दो हजार रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। हालांकि, ये नोट अभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) हैं, यानी इन्हें कानूनन अस्वीकार नहीं किया जा सकता। पिछले दो साल में लगभग 98.37% नोट वापस हो चुके हैं, लेकिन अब भी करीब छह हजार करोड़ रुपए मूल्य के नोट लोगों के पास बाकी हैं।
कहां और कैसे मिलेगी सुविधा
अगर आपके पास ऐसे नोट हैं, तो इन्हें बैंक में नहीं बल्कि रिजर्व बैंक की चुनिंदा शाखाओं में ही बदला जा सकता है। ये दफ्तर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में स्थित हैं। जिन लोगों के पास नोट बचे हैं, वे आरबीआई शाखा जाकर एक आवेदन भरकर नोट जमा कर सकते हैं। इसके लिए पहचान प्रमाण जैसे आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जानकारी जरूरी है, ताकि राशि सीधे आपके खाते में जमा की जा सके।
बैंक अब नहीं बदल रहे नोट
पहले चरण में बैंकों में दो हजार के नोट जमा या बदलने की सुविधा दी गई थी, जो 7 अक्टूबर 2023 तक जारी रही। उसके बाद से यह सेवा पूरी तरह आरबीआई कार्यालयों तक सीमित कर दी गई है। हालांकि, कुछ लोगों के मन में अब भी सवाल है कि क्या इन नोटों का प्रयोग सामान खरीदने या भुगतान में किया जा सकता है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ये नोट अब भी वैध हैं, लेकिन अधिकांश दुकानदार और बैंक इन्हें लेन-देन में स्वीकार नहीं करते।
लोगों के मन में भ्रम, आरबीआई की सफाई
दो हजार के नोट को लेकर आम जनता में सबसे बड़ा भ्रम यह है कि क्या यह नोट अब ‘बेकार’ हो गया है। आरबीआई का कहना है कि ऐसा नहीं है। यह कदम ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ का हिस्सा है, जिसके तहत रिजर्व बैंक कम इस्तेमाल होने वाली और पुरानी करेंसी को धीरे-धीरे चलन से बाहर करता है। इसका उद्देश्य लेन-देन में उच्च गुणवत्ता वाले नोटों को बनाए रखना और नकली नोटों पर अंकुश लगाना है।
क्यों बंद हुए थे दो हजार के नोट
दो हजार रुपए के नोटों की प्रिंटिंग 2018-19 के बाद ही रोक दी गई थी। इसका मुख्य कारण था कि इनका उपयोग आम जनता के दैनिक लेन-देन में बहुत कम हो रहा था। छोटे मूल्यवर्ग के नोटों जैसे ₹500 और ₹200 के नोट ज्यादा चलन में रहने के कारण, ₹2000 के नोट धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो गए। इसके अलावा, बाजार में बड़े लेन-देन और नकद जमाखोरी को लेकर भी चिंता जताई गई, जिसके कारण यह फैसला लिया गया था।
कैसे करें नोट बदलने की प्रक्रिया
जिनके पास दो हजार के नोट बचे हैं, उन्हें आरबीआई की शाखा में जाना होगा। वहां निर्धारित फॉर्म भरकर नोट जमा किए जाते हैं। पहचान प्रमाण के लिए वैध दस्तावेज जैसे आधार, वोटर आईडी या पासपोर्ट लेकर जाना आवश्यक है। विवरणों की जांच के बाद जमा राशि सीधे व्यक्ति के बैंक खाते में क्रेडिट की जाती है। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए लोगों को पहले शाखा का पता और समय जानकारी ऑनलाइन जांच लेने की सलाह दी गई है।
लोगों की अपील
आरबीआई अधिकारियों के अनुसार, नोट बदलने का यह अवसर सीमित समय तक ही जारी रहेगा। इसलिए जिन लोगों के पास ऐसे नोट अभी भी पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपने निकटतम आरबीआई शाखा में संपर्क करना चाहिए। देर होने पर जमा प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है।
क्लीन नोट पॉलिसी के तहत कदम
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी का हिस्सा है, जो मुद्रा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। पुरानी, गंदी या अप्रयुक्त नोटों को धीरे-धीरे सिस्टम से हटाना अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए जरूरी होता है।
















