सहारा इंडिया में पैसा फंसाने वाले लाखों निवेशकों को लंबे इंतजार के बाद राहत मिल रही है। केंद्र सरकार ने रिफंड प्रक्रिया को और सरल बना दिया है, जिससे छोटे-मध्यम निवेश आसानी से वापस पा सकते हैं। यह बदलाव निवेशकों के हित में एक बड़ा कदम है, जो पारदर्शिता और तेजी पर जोर देता है।

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नई प्रक्रिया की खासियतें
सरकार ने विशेष पोर्टल के जरिए क्लेम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है। पहले छोटी रकम वाले क्लेम प्राथमिकता में थे, अब बड़े निवेश भी कवर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए करोड़ों रुपये पहले ही वितरित हो चुके हैं। यह कदम उन परिवारों के लिए वरदान है, जिनकी जमा पूंजी वर्षों से अटकी पड़ी थी। प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है, जिससे कागजी घमासान खत्म हो गया।
पात्रता के नियम
सहारा की चार मुख्य सहकारी समितियों में जमा करने वाले सभी निवेशक योग्य हैं। आधार नंबर, बैंक खाता और मोबाइल लिंक जरूरी हैं, साथ ही पुरानी पासबुक या रसीद का प्रूफ चाहिए। मृतक निवेशक के मामले में कानूनी वारिस भी दावा कर सकते हैं, बशर्ते नाम और विवरण मैच करें। कुल जमा 5 लाख या इससे कम वाले क्लेम को प्राथमिकता मिलेगी। अगर पहले आवेदन रिजेक्ट हुआ हो, तो नई सुविधा से दोबारा ट्राई करें। समय सीमा दिसंबर 2025 तक है, इसलिए जल्दी करें।
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आवेदन प्रक्रिया
पोर्टल पर पहुंचकर आधार के अंतिम चार अंकों से रजिस्टर करें। ओटीपी वेरिफाई करने के बाद फॉर्म भरें और दस्तावेज अपलोड करें। फोटो, साइन और बैंक डिटेल्स जोड़ने पर क्लेम नंबर तुरंत मिलेगा। सत्यापन 45 दिनों में पूरा होता है, उसके बाद पैसा सीधे खाते में आ जाता है। एसएमएस अलर्ट से अपडेट रहें। गलती होने पर री-सबमिशन ऑप्शन इस्तेमाल करें। हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके सहायता लें।
स्टेटस चेक और सावधानियां
लॉगिन करके कभी भी स्टेटस ट्रैक करें। अगर दस्तावेज अधूरे हों, तो तुरंत सुधारें। फर्जी वेबसाइट्स से बचें, सिर्फ आधिकारिक लिंक यूज करें। पहले चरण में हजारों निवेशकों को भुगतान हो चुका है, आपका नंबर भी आ सकता है। देरी से बचने के लिए आज ही आवेदन शुरू करें। यह अवसर जीवन बदल सकता है, खासकर ग्रामीण निवेशकों के लिए।
















