हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग ने सर्दियों की छुट्टियों को लेकर एक नया नियम लागू किया है। गर्मियों में लंबी छुट्टी बिताने वाले कुछ शिक्षकों को अब विंटर वेकेशन से वंचित रखा जाएगा। यह कदम शैक्षणिक सत्र को सुचारू रखने और स्टाफ की कमी न होने देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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नए नियम की बारीकियां समझें
इस साल ग्रीष्मकालीन क्षेत्रों से शीतकालीन क्षेत्रों में स्थानांतरित हुए शिक्षक, जिन्होंने समर ब्रेक का पूरा लाभ उठाया है, वे जनवरी से फरवरी तक की विंटर छुट्टियों के पात्र नहीं होंगे। ऐसे शिक्षकों को नजदीकी गर्मी वाले स्कूलों में ड्यूटी पर भेजा जाएगा। जिला स्तर के अधिकारी इनकी सूची तैयार करेंगे और तैनाती सुनिश्चित करेंगे। इससे स्कूलों में पढ़ाई का दौर कभी रुकेगा नहीं।
छुट्टियों का शेड्यूल क्या है?
शीतकालीन स्कूल 1 जनवरी 2026 से मध्य फरवरी तक बंद रहेंगे। लेकिन प्रभावित शिक्षकों को ड्यूटी जारी रखनी पड़ेगी। 31 दिसंबर को सभी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकें होंगी, जहां छात्रों की प्रगति पर बात होगी। फरवरी के अंत तक नया सत्र शुरू हो जाएगा, और सब कुछ पटरी पर लौट आएगा। यह व्यवस्था प्रदेश के पहाड़ी इलाकों की खास भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
इस फैसले के पीछे की वजहें
एक ही शैक्षणिक वर्ष में दो बड़े ब्रेक लेना शिक्षा प्रणाली के लिए नुकसानदेह माना जा रहा है। इससे कक्षाएं खाली हो जाती हैं और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। विभाग का लक्ष्य सभी शिक्षकों के बीच समानता लाना है, ताकि कोई विशेष छूट न मिले। पहले भी ऐसी शिकायतें थीं कि कुछ टीचर्स लगातार छुट्टियां ले लेते थे, जिससे अन्य सहकर्मियों पर बोझ पड़ता था। अब यह सर्कुलर सभी को अलर्ट कर देगा।
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शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
कई शिक्षक इस बदलाव से हैरान हैं, क्योंकि सर्दियों में पहाड़ों की ठंडक में आराम की उम्मीद थी। वहीं अभिभावक इसे सकारात्मक मान रहे हैं, क्योंकि स्कूलों में स्टाफ की कमी नहीं होगी। कुछ यूनियनों ने आपत्ति जताई है, लेकिन विभाग का कहना है कि नियम सबके हित में हैं। आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा हो सकती है।
आगे क्या होगा?
यह नियम केवल सरकारी स्कूलों पर लागू होगा और प्राइवेट संस्थानों को अपने हिसाब से फैसला लेना होगा। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि शैक्षणिक कैलेंडर का पालन अनिवार्य है। अगर कोई अपवाद होगा, तो विशेष परिस्थितियों में ही छूट मिलेगी। कुल मिलाकर, यह कदम हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। अभिभावक सतर्क रहें और अपने बच्चों के स्कूल से अपडेट लेते रहें।
















