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सोना क्यों तोड़ रहा है रिकॉर्ड? सरकार ने बताई असली वजह, RBI ने चुपचाप बढ़ा लिया इतना गोल्ड स्टॉक

सोना क्यों तोड़ रहा है रिकॉर्ड? सरकार ने बताई असली वजह और RBI ने बिना शोर किए बढ़ा लिया गोल्ड रिजर्व! क्या हर भारतीय को अब निवेश की तैयारी करनी चाहिए? जानिए सोने की इस रैली का छिपा सच।

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सोने की चमक इस साल बाजारों में कमाल कर रही है। घरेलू बाजारों में 10 ग्राम सोने का भाव 1 लाख रुपये को पार कर चुका है, जबकि वैश्विक स्तर पर प्रति औंस कीमत 3500 डॉलर के आसपास पहुंच गई है। यह तेजी निवेशकों को आकर्षित कर रही है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर सोना इतना महंगा क्यों हो रहा है।

सोना क्यों तोड़ रहा है रिकॉर्ड? सरकार ने बताई असली वजह, RBI ने चुपचाप बढ़ा लिया इतना गोल्ड स्टॉक

भू-राजनीतिक तनाव की भूमिका

दुनिया भर में चल रहे तनाव सोने को सुरक्षित निवेश बना रहे हैं। मध्य पूर्व और यूरोप में उभरते संघर्ष निवेशकों को शेयर बाजार से दूर कर सोने की ओर ले जा रहे हैं। सरकार के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताएं ही इस उछाल की जड़ हैं। डॉलर की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजारों का दबाव भी घरेलू कीमतों को प्रभावित कर रहा है। ये कारक मिलकर सोने को सबसे पसंदीदा विकल्प बना देते हैं।

RBI की चालाकी भरी रणनीति

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोने के भंडार को तेजी से बढ़ाया है। नवंबर तक यह 105.7 बिलियन डॉलर था, जो दिसंबर में 106.98 बिलियन डॉलर हो गया। हाल के हफ्तों में 1.6 से 1.18 बिलियन डॉलर की खरीदारी हुई, जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देती है। मार्च 2025 तक कुल 879 टन सोना जमा हो चुका। यह कदम रुपये की स्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित रखने के लिए उठाया गया। RBI की यह शांत चाल बाजार को भरोसा दिला रही है।

वैश्विक मांग का दबाव

कई देशों की केंद्रीय बैंक सोना खरीद रही हैं। भारत, चीन और तुर्की जैसे बाजारों से आ रही मांग कीमतों को ऊपर धकेल रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कमी से डॉलर कमजोर पड़ा, जिसने सोने को फायदा पहुंचाया। त्योहारों और शादियों के सीजन में घरेलू खरीदारी भी बढ़ गई। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेशकों का रुझान तेज हो रहा है। ये सभी तत्व मिलकर रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं।

निवेशकों के लिए क्या मतलब?

यह तेजी अवसर भी ला रही है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। सोना लंबे समय का सुरक्षित निवेश है, पर छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव संभव। किसानों और छोटे निवेशकों को सलाह दी जाती है कि विविधीकरण अपनाएं। सरकार का भू-राजनीतिक तनाव वाला बयान निवेश निर्णयों को प्रभावित करेगा। RBI का बढ़ता स्टॉक अर्थव्यवस्था की मजबूती दिखाता है। कुल मिलाकर, सोना न केवल धन का प्रतीक है, बल्कि अनिश्चित समय का सहारा भी।

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