
दिवाली की रौनक फीकी पड़ते ही अब देशभर के स्कूल और कॉलेजों में फिर से पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। छात्र किताबों, नोट्स और कक्षाओं में लौट आए हैं। कई स्कूलों में दिवाली के तुरंत बाद ही Half-Yearly परीक्षाएँ भी शुरू हो गईं, ताकि साल का पाठ्यक्रम सही समय पर पूरा कराया जा सके।
इसी बीच, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने 2025 की शीतकालीन छुट्टियों (Winter Vacation) का आधिकारिक कैलेंडर जारी कर दिया है।
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दिवाली के बाद अब सर्दी का इंतजार
त्योहारों की छुट्टियों के बाद बच्चों की रूटीन भले ही सामान्य हो गई हो, लेकिन अब सबकी नजरें विंटर ब्रेक पर टिक गई हैं। साल का यह समय बच्चों के लिए सबसे रोमांचक होता है कोई अपने गाँव जाता है, कोई रिश्तेदारों के घर या हिल स्टेशन की सैर करता है।KVS के इस नए शेड्यूल के मुताबिक, इस बार देशभर के अलग-अलग शहरों में ठंड और मौसम की स्थिति के आधार पर छुट्टियों की अवधि में अंतर रहेगा।
केंद्रीय विद्यालयों में छुट्टियों का आधिकारिक कैलेंडर जारी
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस साल शीतकालीन अवकाश की अवधि को शहरों के जलवायु के अनुसार बांटा है। कुछ जगहों पर ठंड अपेक्षाकृत कम होती है, जबकि कुछ शहरों में दिसंबर-जनवरी के दौरान तापमान एकदम गिर जाता है। इसी के अनुसार छुट्टियाँ 10 से लेकर 50 दिनों तक की होंगी।
गर्मी वाले शहरों में सबसे कम अवकाश
दिल्ली, लखनऊ, आगरा, पटना, कोलकाता और गुरुग्राम जैसे शहरों में जहाँ सर्दी देर से शुरू होती है और तापमान बहुत नीचे नहीं जाता, वहाँ केंद्रीय विद्यालयों को करीब 20 दिन की छुट्टी दी जाएगी। इन क्षेत्रों के स्कूल 24 या 25 दिसंबर से लेकर 10 या 12 जनवरी 2026 तक बंद रहने की संभावना है। शिक्षकों ने बताया कि इस दौरान वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी और शैक्षणिक आयोजनों को ध्यान में रखकर ब्रेक की अवधि तय की गई है।
मध्यम ठंड वाले शहरों में 10 दिन की छुट्टी
जिन शहरों में मौसम में ठंड तो पड़ती है, लेकिन बहुत जमाने वाली नहीं जैसे जयपुर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और भोपाल वहाँ KVS ने केवल 10 दिन का अवकाश निर्धारित किया है। इन शहरों के अधिकतर स्कूल 28 दिसंबर से लेकर 6 जनवरी तक बंद रहेंगे। इसका उद्देश्य यह है कि कक्षाओं का संचालन ज्यादा प्रभावित न हो और आधे साल की परीक्षाओं के बाद छात्र दोबारा जल्द पढ़ाई में लौट सकें।
ठंडे इलाकों को मिलेगा लंबा अवकाश
सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को मिला है जो उत्तर भारत के अत्यधिक ठंडे इलाकों में पढ़ते हैं। देहरादून, शिमला, लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालयों में तापमान दिसंबर में ही शून्य से नीचे चला जाता है।
यहाँ पर स्कूलों को 40 से 50 दिन तक का शीतकालीन अवकाश दिया गया है। ये छुट्टियाँ 4 दिसंबर 2025 से शुरू होकर फरवरी की शुरुआत तक चल सकती हैं। इस दौरान यहाँ हिमपात और घना कोहरा साधारण बात होती है, इसलिए स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।
पढ़ाई और मनोरंजन का संतुलन
शीतकालीन अवकाश सिर्फ ठंड से राहत का साधन नहीं, बल्कि छात्रों के लिए आत्म-तैयारी का सुनहरा अवसर भी होता है। विद्यालय प्रबंधन इस अवधि में छात्रों को ‘होम असाइनमेंट’ या ‘रीविजन प्रोजेक्ट्स’ देता है, ताकि परीक्षा की तैयारी जारी रहे और साल का शैक्षणिक प्रवाह बना रहे।
दूसरी ओर, छोटे बच्चों के लिए यह छुट्टी मौज-मस्ती का समय होती है। गर्म कोकोआ, ऊनी कपड़ों में लिपटे खिलखिलाते चेहरे, पारिवारिक यात्राएँ यही हैं स्कूल की सर्द छुट्टियों का असली मज़ा।
शिक्षा विभाग की तैयारी और निर्देश
KVS ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि शीतकालीन अवकाश के दौरान परिसर की सुविधाओं का रखरखाव किया जाए, ताकि अगले सत्र में छात्रों को बेहतर माहौल मिले। शिक्षकों से भी कहा गया है कि वे छुट्टियों के बाद छात्रों की पुनरावृत्ति (revision) की योजना पहले से तैयार रखें ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो।
















